प्रदेश में कोविड मैनेजमेंट और वैक्सीन पर करोड़ों खर्च से चरमराई वयवस्था


भोपाल
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने की कगार पर पहुंच गई। इस दौरान हुए खर्चों को लेकर राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपनी समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सामने आया है कि कुल 415.17 करोड़ रुपए का व्यय दोनों लहरों के दौरान किया गया।

कोरोना के संक्रमण की दूसरी लहर अब खत्म हो चुकी है। बीते 15 महीनों में कोरोना मरीजों के इलाज, प्रबंधन और वैक्सीन डोज खरीदने में करीब 415.17 करोड़ खर्च हो चुके हैं। इसके अलावा 107.08 करोड़ रुपए से वैक्सीन डोज खरीदी की गई। जबकि कोविड मैनेजमेंट में 286.77 करोड़ खर्च हुए आयुष्मान से कोरोना मरीजों के इलाज पर 21.32 करोड़ व्यय हुए हैं। इनमें से 281.80 करोड़ स्वास्थ्य विभाग और 133.37 करोड़ रूपए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने खर्च किए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की अपेक्षा चिकित्सा शिक्षा विभाग (डीएमई) ने लगभग 68 फीसदी कम खर्च किए हैं। कुल 415.17 करोड़ में से 281.80 करोड़ स्वास्थ्य ने खर्च किए जबकि डीएमई ने 32 फीसदी यानि 133.37 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मेडिकल कॉलेजों में जांचों पर 31.33 करोड़, ड्रग्स और कंज्यूमेबल पर 56.51 करोड़, एक्विपमेंट्स पर 32.58 करोड़ और 12.95 करोड रुपए मिसलेनियस में (वेस्ट मैनेजमेंट, आॅक्सीजन रिफिलिंग, डाइट और क्वारेंटाइन सेंटर्स ) पर खर्च किए गए हैं।स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर में स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 281.80 करोड रूपए खर्च किए हैं। इनमें से जांचों पर 11.11 करोड़, दवाओं और कंज्यूमेबल आयटम्स पर 102.14 करोड़, एक्विपमेंट्स पर 10.70 करोड़, अस्थाई स्टाफ पर 10.31 करोड़, आॅक्सीजन पर 11.17 करोड़, मोबिलिटी सपोर्ट पर 1.85 करोड़, आईईसी/बीसीसी (प्रचार-प्रसार) पर 0.13 करोड़, आईटी पर 0.41 करोड़, वेस्ट मैनेजमेंट, आॅक्सीजन रिफिलिंग, डाइट और क्वारेंटाइन सेंटर्स पर 2.07 करोड़, कोविड केयर सेंटर्स पर 2.11 करोड़, अस्पतालों में मरीजों के इलाज पर 21.32 करोड़, वैक्सीन खरीदी में 107.08 करोड़, रेल्वे को एडवांस 1.10 करोड़ रुपए देने के साथ ही टेंकर्स को 0.35 करोड़ रुपए एडवांस दिया गया है।

The Naradmuni Desk

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