रविवासरीय संगीत सभा में कर्नाटक के डॉ. अशोक हुग्गन्नावार ने दी शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति


रायपुर
गुनरसपिया फाउंडेशन की 51वी संगीत सभा में रविवार को प्रात: 10 बजे से फेसबुक पर कर्नाटक एसएमडी कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक हुग्गन्नावार ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान संगीतज्ञ पंडित लिंगराज बुआ यरूगुप्पी, पंडित मल्लिकार्जुन मंसूर, पंडित बसौराज राजगुरु, पंडित नीलकांत बुआ मिराज के गंडाबन्ध शागिर्द डॉ. अशोक हुग्गन्नावार, शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में कर्नाटक में एक प्रसिद्ध हस्ताक्षर भी हैं।

डॉ अशोक हुग्गन्नावार ने गायन के क्षेत्र में हजारों विद्यार्थी तैयार किए हैं। उन्होंने अपने गायन की शुरूआत राग भूपाल तोड़ी में विलंबित एकताल में ख्याल - नैया उतारो पार, बीच भवर में पड़ी, अब तू ही खेवनहार,से की।उन्होंने इसके बाद मध्यलय ताल त्रिताल में निबद्ध छोटा ख्याल -जा जा जा रे जारे,की प्रस्तुति दी,अंत में उन्होंने रागों के राजा कहे जाने वाले राग-भैरवी में एक ताल में निबद्ध बंदिश-डारो ना रंग मोपे सुनो सुनो कुंवर कन्हाई, पनघट पर आई मैं,गाकर तो श्रोताओं को मुग्ध ही कर दिया। आपके साथ तबले पर अक्षय भट्ट जी ने, हारमोनियम पर गौरीश यजी जी ने सुंदर संगत की। श्रोताओं ने खूब लाईक किया और उनके कार्यक्रम में लगातार दाद दी। अब तक गुनरस पिया की सभा में गायन,तबला-वादन, सितार-सरोद-सारंगी-संतूर वादन की प्रस्तुतियां हो चुकी हैं।युवा एवं नवोदित कलाकारों को रविवासरीय संगीत सभा के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का कार्य संस्था द्वारा अनवरत जारी है।गुनरस पिया फाउंडेशन द्वारा कोरोना काल में देश-विदेश के कलाकारों को फेसबुक के माध्यम से कार्यक्रम प्रस्तुति हेतु अवसर दिया जा रहा है।गुनरस पिया फाउंडेशन शास्त्रीय संगीत के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार हेतु लगातार कार्य कर रहा है।कार्यक्रम के संयोजक दीपक व्यास ने यह जानकारी दी।

The Naradmuni Desk

The Naradmuni Desk

The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.