नई दिल्ली
हिमाचल प्रदेश के शिमला के जुब्बल कोटखाई से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और प्रदेश विधानसभा में बीजेपी मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा का निधन हो गया है। वह चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती थे। बीजेपी विधायक नरेंद्र बरागटा का निधन कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद की जटिलताओं की वजह से हुआ है। जिसे पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन भी कहा जाता है। नरेंद्र बरागटा 13 अप्रैल 2021 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। कोरोना निगेटिव पाए जाने के बाद भी उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ और लगातार बिगड़ती चली गई। बीजेपी विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन की जानकारी उनके बेटे चेतन बरागटा ने फेसबुक के जरिए दी है।
बीजेपी विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन के बारे में बेटे चेतन बरागटा ने शनिवार (05 जून) की सुबह फेसबुक पोस्ट जानकारी दी। चेतन बरागटा ने लिखा, '' मेरे पिता और हम सभी के प्रिय भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक सम्मानीय नरेंद्र बरागटा जी स्वास्थ्य से सम्बंधित लंबे संघर्ष के बाद अपने जीवन की अंतिम लड़ाई हार गए। मेरे परिवार के सदस्यों समान समस्त समर्थकों, कार्यकर्ताओं को बड़े दुखी मन के साथ मैं ये खबर दे रहा हूं, नरेंद्र बरागटा जी अब हमारे बीच नहीं रहे। कोविड-19 की वजह से तमाम शुभचिंतकों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि वह धैर्य और सयंम बनाएं रखें।''
नरेंद्र बरागटा शिमला के रहने वाले थे। उनका जन्म 15 सितंबर 1952 को शिमला में ही हुआ था। नरेंद्र बरागटा ने हिमाचल यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी। 1978-82 तक नरेंद्र बरागटा जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे थे। नरेंद्र बरागटा को बीजेपी ने 1993 से 98 तक शिमला जिला भाजपा का सचिव बनाया था। नरेंद्र बरागटा भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा के भी सचिव रह चुके हैं। 1998 में नरेंद्र बरागटा पहली बार विधायक बने और इसके बाद दोबारा जुब्बल-कोटखाई से 2007 में विधायक बने।
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