भंडारण करने और निकासी में कई अधिकारी नेता हो रहे मालामाल


पिपारिया
वेयरहाउस संचालक को प्रमुख कमाई का जरिया वेयरहाउस में रखे अनाज का किराया है, जो प्रति टन 83 रुपये प्रति माह है वही वेयर हाउस में सबसे ज्यादा रखने बाला अनाज समर्थन मूल्य पर खरीदी वाला ही होता है जो अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कुछ निजी वेयरहाउस संचालक को फायदा पहुचाने हेतू भंडारण हेतु मेपिग नियम विरुद्ध की जाती है वही वेयरहाउस से अनाज का उठाव भी नियम बिरुद्ध करते है जिसके चलते अधिकारी, नेता, ओर कुछ निजी वेयरहाउस संचालक मालामाल हो रहे है ओर कुछ वेयर हाउस संचालक परेशान हो रहे है।

अनुबंधित वेयरहाउस में रखा शासन का अनाज डिमांड के अनुसार निकलवा दिया जाता है। अनाज के भंडारण और निकासी की व्यवस्था मप्र आपूर्ति निगम की जिला शाखा के द्वारा की जाती है और यह पूरी प्रक्रिया अनियमितताओं के चलते चर्चा का विषय बनी हुई है। कुछ वेयरहाउस  में लगभग 3 साल से अनाज रखा हुआ है वहीं कुछ वेयरहाउस  में 3 माह के अंतर्गत अनाज की निकासी होने लगती है।

19 जून को एफसीआई की रैक लगी जिसमे भी लगभग 60 हजार बोरी का उठाव होना था अनाज उठाव के दौरान जय किसान वेयर हाउस के संचालक दिलीप दुदानी द्वारा अधिकारियों के समक्ष अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि मेरे वेयर हाउस से लगभग 70प्रतिशत गेहू की निकासी हो रही है वही कई वेयर हाउस में से अभी कुछ भी निकासी नही हुई। सभी वेयर हाउस से बराबर रूप से अनाज उठाव होना चाहिए।

पिपरिया क्षेत्र में लगभग 70 अनुबंधित वेयरहाउस में समर्थन मूल्य पर खरीदी किया हुआ अनाज रखा था है माल उठाव को लेकर देखा गया है कि कुछ वेयरहाउस से लगभग 100% माल निकाल लिया गया है वहीं कुछ मे 100% माल  रखा हुआ है
राधा वेयर हाउस,आस्था वेयर हाउस,लक्ष्मी वेयर हाउस 40अ, सिद्धिविनायक वेयरहाउस 41, राधाकृष्ण वेयरहाउस42, राधाकृष्ण वेयर हाउस43 ,राधाकृष्ण वेयरहाउस 44, आस्तिक 51इ, साईं  वेयरहाउस भोखेड़ी,महादेव वेयर हाउस भोखेड़ी,समर्थन वेयरहाउस हाउस भोखेड़ी एवं ब्रजभूमि वेयरहाउस 92इ एवं ब्रजभूमि वेयरहाउस92उमें लगभग 100 प्रतिशत अनाज रखा हुआ है।

पांडव वेयर हाउस,राधा-कृष्ण वेयर हाउस 36इ, अग्रवाल वेयरहाउस ,श्रीकृष्ण वेयर हाउस, आस्तिक वेयरहाउस,सचिन वेयरहाउस, पालीवाल वेयरहाउस, श्री किसान वेयरहाउस सरस्वती वेयरहाउस में से लगभग 100 प्रतिशत अनाज का उठाव हो गया।

सूत्रों के अनुसार खबर है कि वेयर हाउस में से अनाज का उठाव को लेकर अधिकारी नेता और कुछ वेयरहाउस संचालकों के बीच बड़ा लेनदेन होता है इसी के चलते इन्ही वेयर हाउस में लगभग 2 साल तक अनाज रखा रहता है और किन्ही वेयरहाउस में से लगभग दो-तीन माह के अंदर अनाज का उठाब होने लगता है। जल्दी अनाज उठाव होने के बाद वेयरहाउस संचालक को मिलने बाला किराया बंद हो जाता है जिसके चलते बैंक लोन किस्त देने में परेशानी होने लगती है।

पिपरिया के किस वेयरहाउस से कितने अनाज की निकासी की जाना है। इसके लिए नान के जिला अधिकारी कार्यालय से पत्र जारी किया जाता है। पत्र में वेयरहाउस का नाम और उससे कितने अनाज की निकासी होनी है यह दर्ज किया जाता है। उसी के अनुसार वेयरहाउस से अनाज की निकासी होती है। इसके चलते पिपरिया के कुछ वेयरहाउस संचालक सरकार से भरपूर किराया ले रहे हैं।

वेयरहाउस में रखे गए अनाज की निकासी को लेकर अलग-अलग मापदंड  हैं। इस समय नान वेयरहाउस से पिछले साल यानी वर्ष 20-21 में रखा सा गेहूं निकलवा रहा है। नान पिपरिया के किस वेयरहाउस से कितने अनाज की निकासी की जाना है। इसके लिए नान के जिला अधिकारी कार्यालय से पत्र जारी किया जाता है। पत्र में वेयरहाउस का नाम और उससे कितने अनाज की निकासी होनी है यह दर्ज किया जाता है। उसी के अनुसार वेयरहाउस से अनाज की निकासी होती है। इसके चलते पिपरिया के कुछ वेयरहाउस संचालक सरकार से भरपूर किराया ले रहे हैं। लगा गेहूं हैं, इसीलिए उसे निकाला गया है।

वर्ष 19-20 के गेहूं की भी निकासी शुरू की गई है। चार साल पहले वर्ष 2018-19 दो के गेहूं में मिट्टी की मात्रा अधिक थी, उसका कुछ हिस्सा निकाला गया है। सूत्रों के अनुसार अनाज के निकासी में अनियमितता के चलते मप्र वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स म कॉरपोरेशन की पिपरिया शाखा प्रभारी ने नान के जिला प्रबंधक को एक पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि पिपरिया के किस वेयरहाउस में सरकार का कितना अनाज है इसकी जानकारी दे दी गई है। गोदामों से अनाज के भुगतान की कार्यवाही अपने स्तर से सुनिश्चित करें। गोदामों से अनाज की निकासी वै को लेकर शाखा प्रबंधक का कोई भी सरोकार नहीं होगा।

इनका कहना
नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा हमें बताया जाता है कि किन-किन वेयरहाउस में अनाज रखा हुआ है उन्हीं में से जांच कर अनाज का उठाव करते हैं एफसीआई का अनाज उठाव को लेकर   कुछ मापदंड है जैसे अनाज की क़्वालिटी रैक पॉइंट से अनाज की दूरी के साथ अन्य मापदंड को प्राथमिकता देते हुए आनाज निकाला जाता है.
आशुतोष विजयवर्गीय, एफसीआई अधिकारी, इटारसी

The Naradmuni Desk

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