भोपाल
मध्यप्रदेश में पुराने जर्जर और खतरनाक घोषित बहुमंजिला आवासो का अब रीडेवलपमेंट किया जा सकेगा। इसके लिए गृह निर्माण मंडल ने प्रदेश की नई भवन पुर्नवास नीति तैयार कर ली है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। इस नीति के तहत पुरानी जर्जर बहुमंजिला इमारतों में रहने वालों को नए भवनों में दस फीसदी ज्यादा क्षेत्र उपलब्ध कराया जाएगा। नई नीति में सरकार उस क्षेत्र में आवास निर्माण के लिए मंजिलों की तय ऊंचाई से अधिक ऊंचाई तक के आवास बनाने के लिए अतिरिक्त छूट दे सकेगी। प्रदेश के महानगरों में कई बहुमंजिला आवासों को बने तीस से पचास साल हो चुके है।
रखरखाव के अभाव में ये भवन जर्जर हो रहे है। कई स्थानों पर तो नगरीय निकायों ने इन्हें जर्जर घोषित कर इनमें निवास करना खतरनाक घोषित करते हुए यहां रहने वालों को इन आवासों को खाली करने के लिए नोटिस भी दे रखा है। लेकिन इनमें रहने वाले इन आवासों को छोड़ने को तैयार नहीं है। दरअसल अभी तक मध्यप्रदेश में पुराने जर्जर आवासों के रीडेवलपमेंट के लिए कोई नीति नहीं है। इसके चलते इनका निर्माण करने वाला बिल्डर ही इन आवासों के मालिकों की सहमति से यहां कुछ कर सकता है।
अधिकांश बिल्डर बहुमंजिला इमारतों को बनाने के बाद चले जाते है या यह काम ही बद कर देते है। इसलिए इन आवासों को तोड़कर इनके स्थान पर नये आवास बनाने का काम नहीं हो पाता है। पुराने जर्जर आवासों को तोड़कर उनके स्थान पर नये बहुमंजिला आवास बनाने के लिए मध्यप्रदेश की भवन पुर्नविकास नीति तैयार कर ली गई है। नई नीति के आने के बाद जो जीप्लस टू और इससे अधिक मंजिलों वाली पुरानी जर्जर इमारतें है उन्हें तोड़कर उनके स्थान पर आठ से दस एफएआर के आवास बनाए जाएंगे।
इन भवनों में रहने वाले पचास फीसदी से अधिक रहवासियों की लिखित सहमति पर रहवासी संघ के प्रस्ताव पर सरकारी और निजी कालोनियों में बने पुराने जर्जर भवनों के स्थान पर नये बहुमंजिला आवास बनाकर दिए जाएंगे। इसमें डेवलपर हाउसिंग बोर्ड, नगरीय निकाय या विकास प्राधिकरण होंगे। वे टेंडर कर डेवलपर को आमंत्रित करेंगे। इन आवासों में रहने वालों को उनके मौजूदा तल पर ही नये आवास उपलब्ध कराएं जाएंगे और इसमें दस फीसदी क्षेत्र बढ़ाकर उन्हें दिया जाएगा।
नये भवन में बेसमेंट में पार्र्किं ग, व्यावसायिक उपयोग के लिए दुकान और कार्यालय भी बनाए जाएंगे ताकि डेवलपर की इन भवनों के निर्माण की लागत निकल सके। इन पुराने भवनों में रहने वाले लोगों को नए निर्माण होंने तक अन्य जगह रहने के लिए किराया भी दिया जाएगा।
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