मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। पीएम और सीएम की इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सियासी कयासबाजी शुरू हो चुकी है। आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने पार्टी के 22वें स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरे को याद दिलाया कि कैसे बालासाहेब ठाकरे अपने जुबान के पक्के थे।
उन्होंने कहा, “1977 में जब पूरा राजनीतिक परिदृश्य इंदिरा गांधी के खिलाफ था, एक व्यक्ति था जो उनके साथ खड़ा था, और वह थे बाल ठाकरे। उन्होंने उनसे वादा किया कि वह उनकी पार्टी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, और वह अपनी बात पर कायम रहे। इसी तरह सत्ता में शिवसेना हमारे साथ है। जो लोग उस बैठक के बाद शिवसेना के रुख में बदलाव पर सवाल उठा रहे हैं, वे अलग जन्नत में रह रहे हैं।'' पवार ने कहा, “ठाकरे-मोदी की मुलाकात के बाद बातचीत के बावजूद, हमें विश्वास है कि हमारी सरकार 5 साल तक चलेगी। हम आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी लोगों की बेहतरी के लिए काम करना जारी रखेंगे।'' आपको बता दें कि बैठक के बाद शरद पवार की यह पहली प्रतिक्रिया है। बयान को उद्धव को क्लीन चिट और अपनी बात रखने की याद दोनों के रूप में देखा जा रहा है।
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