स्टडी : ऑटो के मुकाबले AC टैक्सी से सफर करने में कोरोना का खतरा 300% ज्यादा


 नई दिल्ली 
कोरोना वायरस को लेकर हर दिन नई-नई स्टडी सामने आ रही हैं। इस बीच एक और हैरान करने वाली स्टडी में पता चला है कि ऑटो के मुकाबले एसी टैक्सी में सफर करने से कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ जाता है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के दो शोधकर्ताओं ने सार्वजनिक परिवहन के चार साधनों पर अध्ययन कर यह पता लगाया कि किसी संक्रमित के सवार होने की सूरत में बाकी यात्रियों के वायरस की जद में आने का खतरा किस हद तक रहेगा। उन्होंने पाया कि ऑटो के मुकाबले एसी टैक्सी में सफर करने वाले लोगों में साथी यात्री से संक्रमित होने का जोखिम 300 फीसदी ज्यादा रहता है। 

जानें स्टडी में कौन-कितना सुरक्षित
1.ऑटो-रिक्शा
-हवा के आर-पार होने की दर सबसे ज्यादा, लिहाजा सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों के मुकाबले संक्रमण के प्रसार का जोखिम सबसे कम
-यात्री संख्या : 05
-आयतन : 5.6 घन मीटर
-वेंटिलेशन दर : 10000 क्वांटा प्रति घंटे
-संक्रमण की आशंका : 0.000199


2.बस
-हवा से वायरस के प्रसार को लेकर वेल्स-रिले मॉडल के हिसाब से हर यात्री एक समान वायु के संपर्क में होता है, लिहाजा सबमें संक्रमण का खतरा बराबर 
-यात्री संख्या : 40
-आयतन : 93.6 घन मीटर
-वेंटिलेशन दर : 3.3 से 9.19 क्वांटा प्रति घंटे
-संक्रमण की आशंका : 0.0143

3.नॉन-एसी टैक्सी
-दरवाजों के शीशे नीचे गिराने पर वेंटिलेशन में सुधार आता है, किसी संक्रमित यात्री से बाकी सवारियों में वायरस फैलने का जोखिम काफी कम हो जाता है
-यात्री संख्या : 05
-आयतन :  19.6 घन मीटर
-वेंटिलेशन दर : 30.8 क्वांटा प्रति घंटे
-संक्रमण की आशंका : 0.0171 


4.एसी टैक्सी
-चूंकि, यात्री एसी टैक्सी का शीशा चढ़ाकर सफर करते हैं, लिहाजा किसी संक्रमित सवारी के होने पर वायरस की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है
-यात्री संख्या : 05
-आयतन : 19.6 घन मीटर
-वेंटिलेशन दर : 0.94 से 15.34 क्वांटा प्रति घंटे
-संक्रमण की आशंका : 0.061

अन्य खास बातें
-संक्रमण की आशंका का आकलन सभी वाहनों के स्थिर अवस्था में होने के लिहाज से किया गया है
-यह माना गया है कि वाहन में सवार सभी लोगों ने मास्क पहना है, उनके बीच सिर्फ एक संक्रमित मौजूद है
-सभी वाहनों में सवार यात्रियों की श्वास गति समान यानी 0.49 से 1 घन मीटर प्रति घंटा मानी गई है
-120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने पर एसी और नॉन-एसी टैक्सी में संक्रमण की आशंका 75% तक घट जाती है

मास्क लगाना जरूरी
-दर्पण दास और गुरुमूर्ति रामचंद्रन की ओर से किया गया यह अध्ययन 11 मई को ‘जर्नल एंवायरनमेंटल रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ था। शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया था कि सार्वजनिक परिवहन में सफर करते समय वेंटिलेशन सबसे ज्यादा मायने रखता है। इसके अलावा वायरस से बचाव के लिए सभी सवारियों का मास्क पहनना भी बेहद जरूरी है।
 

The Naradmuni Desk

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