किसानों की आय बढ़ाने के लिये खेती किसानी के साथ-साथ पशुपालन और उद्यानिकी को भी प्रोत्साहित करें


मुरैना
किसानों की आय को बढ़ाने के लिये खेती किसानी के साथ-साथ उद्यानिकी और पशुपालन को भी प्रोत्साहित किया जाए। ग्वालियर-चंबल संभाग में सरसों के रकबे को बढ़ाने के लिये किसानों को प्रोत्साहित करें। कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्वालियर-चंबल संभाग में मौजूदा रबी मौसम में पैदा हुई फसलों की समीक्षा तथा आगामी खरीफ मौसम की तैयारियों के लिये समीक्षा बैठक में यह बात कही।

नवीन कलेक्ट्रेट के एनआईसी कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई इस समीक्षा बैठक में भोपाल से अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी, प्रबंध संचालक मार्कफेड पी. नरहरि, संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल, संचालक बीज निगम एवं मण्डी बोर्ड श्रीमती प्रियंका दास, प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक प्रदीप नीखरा, प्रमुख सचिव सुकल्पना श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक श्रीकांत भनोट, संचालक उद्यानिकी मनोज अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव जे एन कंसौटिया, संचालक डॉ. आर के रोकड़े तथा मछली पालन विभाग के अपर मुख्य सचिव अश्विनी राय ने भी अपने-अपने विभाग के कार्यों की समीक्षा की।

एनआईसी कक्ष ग्वालियर एवं चंबल संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना, एडीएम नरोत्तम भार्गव, चंबल संभाग के कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान बताया गया कि चंबल संभाग में आगामी खरीफ मौसम में 5 लाख 41 हजार से अधिक हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसलें लेने का कार्यक्रम तय किया गया। इसके साथ ही खरीफ मौसम में किसानों को खाद-बीज की उपलब्धता के लिये समुचित कार्यक्रम तैयार कर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में सरसों का अधिक उत्पादन हो, इसके लिये किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। सरसों के साथ-साथ गेहूँ, मत्स्य पालन एवं अन्य फसलें किसान लें, इसके साथ ही किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिये उद्यानिकी एवं पशुपालन के लिये भी प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि बीज एवं उर्वरक की उपलब्धता किसानों को समय पर हो, इसके लिये समय रहते भण्डारण सुनिश्चित कर लिया जाए। डबल लॉक से सिंगल लॉक में उर्वरक पहुँचाने का कार्य भी तत्परता से सभी जिलों में किया जाए। प्रदेश में यूरिया एवं डीएपी उपलब्ध है, इसे सोसायटियों तक पहुंचाने का कार्य तत्परता से किया जाए।

कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह ने यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर में समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई उपज का भुगतान भी समय पर हो यह सुनिश्चित किया जाए। सभी जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले में शत प्रतिशत किसानों को उनकी उपज का भुगतान प्राप्त हो गया है। बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि किसी भी जिले में नरवाई को जलाने की घटना न हो इसके लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। नरवाई को समाप्त करने के लिये आधुनिक मशीनों का उपयोग भी किसान करें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित भी करें।      कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग के लिये यह खुशी की बात है कि ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय है। खेती किसानी में किए जा रहे वैज्ञानिक प्रयोगों की जानकारी किसानों को कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जाए।

उद्यानिकी को प्रोत्साहित किया जाए
उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान कहा गया कि खेती किसानी के साथ-साथ उद्यानिकी को भी प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाए। ग्वालियर-चंबल संभाग में उद्यानिकी के लिए अपार संभावनाएं हैं। किसानों को उद्यानिकी के क्षेत्र में किए जा रहे नए-नए प्रयोगों के संबंध में भी जानकारी दी जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में अधिक से अधिक नर्सरियां विकसित हों इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उद्यानिकी के क्षेत्र में किसानों को प्रशिक्षित करने हेतु ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने की कार्रवाई भी की जा रही है।
 
पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के हों प्रयास
पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि पशुओं की पहचान के लिए पशुओं का भी आधारकार्ड बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक पशु का आधारकार्ड तैयार कर उसका टैग लगाया जाएगा। इसके साथ ही टैग के आधार पर ही टीकाकरण कर उसे पोर्टल पर भी अपलोड करने का कार्य किया जायेगा। इसके साथ ही पशुओं का बीमा कराने के लिये भी किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। पशु पालकों को क्रेडिट कार्ड अधिक से अधिक मिलें, इसके भी विशेष प्रयास किए जाएं।

बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि शासन स्तर से प्रत्येक जिले को 30 30 गौशाला निर्माण का जो लक्ष्य दिया गया है सभी जिलों में शतप्रतिशत गौशालाओं का निर्माण पूर्ण कर गौशालाओं का संचालन प्रारंभ किया जाए। गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये भी सभी कलेक्टर विशेष पहल करें।

अधिक से अधिक तालाब निर्माण कर मछली पालन का कार्य किया जाए
अपर मुख्य सचिव अश्विनी राय ने मछली पालन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया है कि मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक तालाब निर्माण कर मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने विभागीय योजनाओं के तहत भी तालाब निर्माण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
    
अपर मुख्य सचिव राय ने यह भी कहा कि मछली पालन के माध्यम से कम समय में अधिक आय किसान ले सकते हैं। कम पानी होने पर भी मछली पालन का कार्य किया जा सकता है। ग्वालियर-चंबल संभाग में मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सभी कलेक्टर अपने-अपने जिले में विशेष प्रयास करें। विभागीय तौर पर तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिये विशेषज्ञों के साथ कार्यशालाएं आयोजित की जा सकती हैं।


7 लाख 53 हजार 14 हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसलें ली जायेंगीं

चंबल संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना ने बैठक में बताया कि चंबल संभाग में 5 लाख 41 हजार से अधिक हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसलें ली जायेंगीं। इनमें धान 72.90 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, ज्वार 22.15 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, मक्का 4.30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, बाजरा 276.30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, अरहर 10.70 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, उड़द 28.40 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, मूँग 7.80 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, मूंगफली 1.20 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में, तिल 56.30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में तथा सोयाबीन 30.60 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फसल की जायेंगी।

संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने यह भी कहा कि किसानों को समय पर खाद-बीज और उर्वरक मिले, इसके लिये ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में समय रहते भण्डारण सुनिश्चित किया जाएगा। किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन और उद्यानिकी के क्षेत्र में भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

The Naradmuni Desk

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