भोपाल
वेस्ट सेंट्रल रेलवे ने 6 सीएसएम और 12 ड्यूमेटिक मशीन से रेलवे टैÑक मेंटेनेंस किया जा रहा है। इन मशीनों के बदौलत पिछले एक साल में ही 10,000 किलोमीटर से अधिक का मेंटेनेंस किया जा चुका है वहीं यह प्रोसेस अब भी जारी है। गौरतलब है कि रेलवे आधनिकतम तकनीक उपयोग कर न केवल टैÑक मेंटेनेंस कर रहा है बल्कि यात्री से लेकर माल ढुलाई तक में भी उक्त प्रयोग किए जा रहे हैं।
इनके उपयोग से टैÑक मैनों को मेंटेनेंस करने में मदद मिलती है। नए स्टैंडर्ड के ट्रैक का वजन भी ज्यादा होता है तथा रेलों की लंबाई भी ज्यादा होती है। गति के बढ़ने से ट्रैक की पैकिंग भी उच्च स्तर की करनी पड़ती है तथा दूर की नजर से अलाइनमेंट और लोंगिट्यूडनल लेवल को भी ठीक करना होता है। इन सब आवश्यकताओं को देखते हुए रेलवे आधुनिक टैम्पिंग मशीन का भी प्रयोग कर रही है।
थ्री एक्स मशीन- 04 मशीनों के द्वारा कार्य किया जाता है। एक साथ तीन स्लीपरों को पैक करती है अर्थात 2200 स्लीपरों यानी 1.6 किमी ट्रैक प्रति घण्टे में पैक करती है। तीनों मंडलों में 22 टैम्पिंग मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। जोन में वर्ष 2020-21 में टैम्पिंग मशीन 3 मशीन द्वारा 2200 किमी, उरट मशीन द्वारा 2600 किमी एवं हरळ मशीन द्वारा 5800 किमी का मेंटेनेंस किया गया है । इसी प्रकार टैम्पिंग मशीन से 10600 किमी का ट्रैक रखरखाव किया गया।
कोरोना अनलॉक के बाद लोगों ने शादी ब्याह भी शुरू कर दिए हैं। इसके चलते टेÑनों में भी टिकट की मांग बढ़ गई है। जबकि एक माह पूर्व तक टेÑनें खाली चल रहीं थी। ऐसे में ज्यादातर टेÑनों का संचालन भी स्थगित कर दिया था। शादी सीजन के चलते मुंबई, प्रयागराज सहित अन्य रूटों में कन्फर्म टिकट ही नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि रेलवे अफसरों को दावा है कि जिन रूटों के टेÑनों की डिमांड ज्यादा है उनके संचालन के संबंध में हेडक्वार्टर को सूचना दे दी गई है अनुमति मिलते ही इनका संचालन शुरू कराया जाएगा। इसके अलावा जल्द ही अन्य रूट की टेÑनों के संचालन के संबंध में भी संभावित प्लॉन बनाया जा रहा है।
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