लखनऊ
फर्जी दस्तावेजों से कम्पनी बनाई, परिचितों को डायरेक्टर बनाया और निजी फाइनेंस कम्पनियों से करोड़ों रुपए की लग्जरी गाड़ियां फाइनेंस करा ली। कुछ समय बाद बैंको को किश्त देना बंद कर दिया और इन गाड़ियों को फर्जी दस्तावेजों से रसूखदारों को बेच डाली। टाटा मोटर्स फाइनेंस लि. के अधिकारी केके सिंह ने इस फर्जीवाड़े को पकड़ कर विभूतिखंड कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी। इसके बाद ही पुलिस ने इस कम्पनी के डायरेक्टर बने उर्फी और रेहान अहमद को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। कम्पनी के मालिक व इस गिरोह के सरगना प्रकाश फूलचंद छाबड़ा को सीबीआई की असम यूनिट ने पहले ही धोखाधड़ी के एक मामले में जेल भेज रखा है।
एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी ने बताया कि इन दोनों के पास डेढ़ करोड़ रुपये की जगुआर कार व 90 लाख रुपये की बीएमडब्ल्यू कार बरामद हुई है। ये गिरोह दो दर्जन से अधिक ऐसी गाड़ियों को फाइनेंस कराकर बैंकों को चपत लगा चुका है। करोड़ों रुपये की बीएमडब्ल्यू और जगुआर कार बरामद की। टाटा मोटर्स कम्पनी से इस कम्पनी ने दो करोड़ 75 लाख 86 हजार 743 रुपये की धोखाधड़ी की है।
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